Thursday, May 2nd, 2024

सीवेज प्लांट नहीं लगाने पर आरजीपीवी करेगा कालेजों की संबद्धता समाप्त

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्वच्छ भारत के तहत चार बड़े फैसले लेने जा रहा है। इसमें इसमें सबसे पहले सीवेज से निकलने वाले पानी को दोबारा से उपयोग लायक बनाया जाएगा, कालेजों की रैन वाटर हार्वेस्टिंग होगी, कालेजों में विद्यार्थियों की संख्या के बराबर पेड़ लगाए जाएंगे और कालेज अपने कचरे को सड़कों पर नहीं फेंक पाएंगे। उक्त सभी शर्तों को तोड़ने पर कालेजों की संबद्धता तक खत्म हो सकती है।

पानी की समस्या को काफी हद तक खत्म करने के लिए आरजीपीवी ने कुछ नये मापदंड तैयार किए हैं। ये मापदंड जल्द ही कालेजों की संबद्धता से जोड़े जाएंगे। उनके संबद्धता फार्म में उक्त चार बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। उनका उल्लघंन करने पर उनको संबद्धता तक खत्म कर दी जाएगी। इसके तहत कालेज अब अपना कचरा सड़क, मैदान और खेतों में नहीं फैक पाएंगे। वे कैंटीन या विभागों से निकलने वाले कचरे को कालेज में गड्डा बनाकर दफन करेंगे या नगर निगम या पालिका के स्थानों पर डालेंगे। पानी की समस्या से प्रदेश जूझ रहा है।

जबकि इंजीनियरिंग कालेजों में पानी की बहुत जरुरत होती है। इसलिए कालेजों मे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इससे कालेजों के सीवेज से निकलने वाला गंदा पानी दोबारा कालेज के उपयोग में आ जाएगा। यहां तक आरजीपीवी ने अपने दो हास्टल के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कार्य भी शुरू करा दिया है। नये आने वाले दो नये हास्टल में भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की रुपरेखा भी तैयार की जा रही है।

कालेजों छतों के पानी से जिंदा होंगे बोर
कालेजों को बरसात के पानी का उपयोग करने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग करना होगी, ताकि वे बरसात के पानी के उपयोग से बोर को दोबारा जिंदा कर सकें। यहां तक वे जमीन के पानी के स्तर को ऊपर करने में सहयोग कर सकते हैं।

पर्यावरण पर भी होगा फोकस
ग्लोबल वार्मिंग को ध्यान में रखते हुए आरजीपीवी ने पर्यवरण को स्वच्छ बनाने के लिए कालेजों की हिस्सेदारी बनाई है। इसके तहत कालेजों को अपने प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या के बराबर पेड़ लगाने होंगे। प्रवेश के बाद आरजीपीवी पंजीकृत विद्यार्थियों के बाद पेड़ों की गिनती तक कराएगा।

 

Source : mp education

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